जाग्रत महामाया शक्तिपीठ
कश्मीर शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है। कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा में भगवान शिव के हिम-ज्योतिर्लिंग के दर्शन होते हैं। वहीं पर हिम-शक्तिपीठ भी बनता है। एक गणेश-पीठ, एक पार्वती पीठ भी हिमनिर्मित होता है। पार्वती पीठ ही शक्तिपीठ स्थल है। श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को अमरनाथ के दर्शन के साथ-साथ पार्वती शक्तिपीठ का भी दर्शन होता है। यहाँ सती के अंग तथा अंगभूषण की पूजा होती है, क्योंकि यहाँ उनके कण्ठ का निपात हुआ था। यहाँ की शक्ति ‘महामाया’ तथा भैरव ‘त्रिसन्ध्येश्वर’ है।
जम्मू कश्मीर राज्य में स्थित अमरनाथ बहुत पवित्र तीर्थस्थल है। अमरनाथ धाम विश्व प्रसिद्द बर्फानी शिव लिंग के साथ महामाया शक्तिपीठ की भी भक्तो में बहूत बड़ी मान्यता है। कहते है इस जगह ही भगवान् शिव ने अपनी पत्नी पार्वती को अमरता का ज्ञान दे रहे थे | यह मंदिर भी अमरनाथ की पवित्र गुफा में ही है। इस जगह देवी सती का कंठ गिरा था और इस तरह यह जगह 51 शक्तिपीठो में से एक है । यहा शिव भैरो को त्रिसंध्येश्वर के नाम से पूजा जाता है।अमरनाथ की इस पवित्र गुफा में जहां भगवान शिव के हिमलिंग का दर्शन होता है वहीं हिमनिर्मित एक पार्वतीपीठ भी बनता है, यहीं पार्वतीपीठ महामाया शक्तिपीठ के रूप में मान्य है।
यहां के दर्शन करने से जनम-जनम के पाप कट जाते हैं। अबकी बार यदि अमरनाथ बाबा के दर्शन करने जाएं तो इसके भी दर्शन जरूर करें