340 साल पहले बना था दुनिया का पहला डाइविंग सूट, अनोखा है इतिहास
आज हम नदी से लेकर समुद्र के नीचे को दुनिया को बहुत हद तक जान पाए हैं तो उसमें सबसे बड़ा योगदान डाइविंग सूट का है। यह एक ऐसा जरूरी उपकरण है, जिसके जरिए इंसान पानी के अंदर छुपे गहरे राज को भी जान लेता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया का पहला डाइविंग सूट कब बना था और उसे किसने बनाया था? तो चलिए डाइविंग सूट के इतिहास के बारे में जान लेते हैं।
दुनिया का पहला डाइविंग सूट बनाने का श्रेय इटली के अविष्कारक अल्फोंसो बोरेली को दिया जाता है। उन्होंने यह आविष्कार वर्ष 1679 में किया था। हालांकि इससे कई साल पहले वर्ष 1617 में ही उन्होंने एक सूट बनाने की कोशिश की थी, लेकिन वो इसमें कामयाब नहीं हो पाए थे। इसी सूट की खामियों को दूर करके उन्होंने 1679 में दुनिया का पहला डाइविंग सूट बनाया था।
अल्फोंसो बोरेली के बाद और भी कई वैज्ञानिकों ने डाइविंग सूट बनाए। इसमें दो ब्रिटिश वैज्ञानिक भी शामिल थे, जिन्होंने 1710 ईस्वी में दुनिया का पहला प्रेशर प्रूफ डाइविंग सूट बनाया था। खास बात ये है कि उन्होंने इस सूट का परीक्षण अपने ही घर में मौजूद स्विमिंग पूल में किया था।
ब्रिटेन के ही एक और वैज्ञानिक एंड्रयू बेकर्स भी डाइविंग सूट बनाने वालों की श्रेणी में शामिल हैं। उन्होंने दुनिया का सबसे पहला चमड़े का डाइविंग सूट बनाया था। वर्ष 1774 में उन्होंने मशहूर थेम्स नदी में इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। वो इसे पहनकर करीब एक घंटे तक पानी के अंदर रहे थे। बेकर्स के इस डाइविंग सूट की खासियत ये थी कि इसमें सांस लेने और छोड़ने के लिए एक विशेष ट्यूब प्रणाली का इस्तेमाल किया गया था।
दुनिया का पहला एडवांस डाइविंग सूट 19वीं सदी में बनाया गया था। इस अगस्टस सीबे नामक वैज्ञानिक ने बनाया था, जिसमें जॉर्ज एडवर्ड्स नामक एक दूसरे वैज्ञानिक ने भी उनकी मदद की थी। उन्होंने इस सूट को वॉरप्रूफ लेदर (चमड़े) से बनाया था और इसे चमड़े को मशहूर वैज्ञानिक चार्ल्स मैकिनतोश ने बनाया था। इसके बाद तो कई सारे वैज्ञानिकों ने अपने-अपने तरीके से डाइविंग सूट को विकसित किया और दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई।