भगवान हनुमान के 10 विशेष मंदिर
प्रयागराज के लेटे हनुमान मंदिर- उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के इलाहबाद में संगम तट पर स्थित है हनुमान जी की यह लेटी हुई प्रतिमा। 20 फीट लम्बी इस प्रतिमा को हर साल गंगा जी स्नान कराने के लिए आती हैं। देश-दुनिया में जहां नदियों के जलस्तर को एक संकट के रूप में देखा जाता है, वहीं इस मंदिर के भक्त गंगा के जलस्तर को शुभता की दृष्टि से देखते हैं। मान्यता है कि जिस साल गंगा जी हनुमान जी को स्नान करने में असमर्थ रहती है तो वह उसकी भरपाई अगले वर्ष उन्हें कई बार स्नान कराकर करती हैं।
हनुमानगढ़ी, अयोध्या
हनुमानगढ़ी, अयोध्या |
प्रभु श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या में स्थित है श्री हनुमान जी का भव्य पावन धाम। जिसे लोग हनुमानगढ़ी के नाम से जानते हैं। श्रीरामजन्मभूमि के करीब यह मंदिर ऊंचे टीले पर स्थित है। मंदिर की स्थापना 300 साल पहले स्वामी अभयारामदासजी ने की थी। जहां 60 साीढ़ियों को चढ़ने के बाद हनुमत के दर्शन होते हैं। हनुमान जी के इस मंदिर दर्शन के बगैर अयोध्या की यात्रा अधूरी मानी जाती है।
श्री संकटमोचन मंदिर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित यह मंदिर हनुमान भक्तों के लिए एक बेहद रमणीय स्थान है। मान्यता है कि हनुमानजी की यह मूर्ति गोस्वामी तुलसीदासजी के तप एवं पुण्य से प्रकट हुई थी। बाबा विश्वनाथ की नगरी में उनके अंशावतार बजरंग बली के बारे में मान्यता है कि उनके दर्शन मात्र से सभी संकट दूर हो जाते हैं। इसीलिए लोग इस मंदिर को संकटमोचन मंदिर के नाम से बुलाते हैं।
जहां दूर होती है भूत-प्रेत बाधाएं
राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाडिय़ों के बीच बसा हुआ श्री हनुमान जी का यह पावन धाम। मेहंदीपुर में स्थित यह मंदिर जयपुर-बांदीकुई-बस मार्ग पर जयपुर से लगभग 65 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर भूत-प्रेत बाधाओं को दूर करने के लिए जाना जाता है।
सालासर बालाजी हनुमान मंदिर, राजस्थान
राजस्थान के चुरू जिले में स्थित सालासर गांव में स्थित है यह मंदिर। दाढ़ी और मूंछ वाली अनोखी हनुमान जी की मूर्ति वाला इस मंदिर को लोग सालासर वाले हनुमान जी के नाम से संबांधित करते हैं। कहते हैं कि हनुमत भक्ति के इस धाम में आने वाला व्यक्ति कभी खाली हाथ वापस नहीं जाता और उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।
द्वारका हनुमान दंडी मंदिर, गुजरात
गुजरात के समुद्री तट पर स्थित बेट द्वारका से 4 मील की दूरी पर स्थित है श्रीहनुमान जी का यह पावन धाम। इस मंदिर में बजरंगबली मकरध्वज के साथ मौजूद हैं। मान्यता है कि मंदिर में मकरध्वज की मूर्ति हनुमाजन जी के मुकाबले पहले छोटी हुआ करती थी, लेकिन अब दोनों मूर्ति एक समान ऊंची हो गई है। मान्यता यह भी है कि अहिरावण ने भगवान श्रीराम-लक्ष्मण को इसी स्थान पर छिपाकर रखा था। जब हनुमानजी श्रीराम-लक्ष्मण को लेने के लिए आए, तब उनका मकरध्वज के साथ घोर युद्ध हुआ। अंत में बजरंगबली ने उसे परास्त कर उसी की पूंछ से उसे बांध दिया।
हनुमान धारा, चित्रकूट, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में स्थित है हनुमाना धारा, जहां पूरे साल हनुमत भक्तों का तांता लगा रहता है। कहते हैं कि इसी स्थान पर पहली बार तुलसीदास जी को हनुमान जी के दर्शन हुए थे। यहां पहाड़ के सहारे हनुमान जी की एक विशाल मूर्ति स्थित है। जिनके ठीक सिर के पास दो जल के कुंड हैं, जिनमें हमेशा ही जल की धारा बहती रहती है। हनुमानजी को स्पर्श करते हुई जलधार को हनुमान धारा कहते हैं। मान्यता है कि जब लंका दहन करके हनुमान जी वापस चित्रकूट लौटे तो उनकी पूंछ में हो रही पीड़ा को शांत करने के लिए प्रभु श्रीराम ने अपने बाण के प्रहार से इस पवित्र जलधारा निकाली थी, जो आज तक उन्हें शीतलता प्रदान कर रही है।
उलटे हनुमान का मंदिर
देश की प्राचीन सप्तपुरियों में से एक मध्य प्रदेश की उज्जैन नगरी से महज 30 किमी की दूरी पर श्री हनुमान जी की उल्टे रूप में साधना-आराधना होती है। मंदिर में भगवान हनुमान की उलटे मुख वाली सिंदूर से सजी मूर्ति विराजमान है।
जहां नारी स्वरूप में मौजूद हैं हनुमान
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर से 25 कि. मी. दूर पर स्थित है बजरंगी का यह पावन धाम। रतनपुर नाम के इस स्थान को महामाया नगरी के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि विश्व में हनुमान जी का यह अकेला ऐसा मंदिर है जहां हनुमान नारी स्वरूप में मौजूद हैं।
हनुमान मंदिर, तेलंगाना
हनुमान मंदिर, तेलंगाना
|